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भारत में रोड सेफ्टी को लेकर लगातार नए प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. फिर भी सड़क हादसों का खतरा कम नहीं हो रहा है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की ओर से रिपोर्ट साझा की गई है, जिसमें बताया गया है कि भारत में साल 2023 में 1.72 लाख से ज्यादा लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है. इसका मतलब है कि देश में औसतन हर दिन 474 लोग और हर घंटे करीब 20 लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं.
सड़क हादसों में कौन-सा राज्य सबसे ऊपर?
जगह के हिसाब से देखा जाए तो सड़क हादसों में सबसे ऊपर तमिलनाडु राज्य है. यहां नेशनल हाईवे पर सबसे ज्यादा एक्सीडेंट्स दर्ज किए गए हैं. वहीं सड़क हादसों में जान गंवाने वाले राज्य में सबसे पहला स्थान उत्तर प्रदेश का है. ऐसे में गाड़ियों की रफ्तार और ट्रैफिक बढ़ने के साथ-साथ खतरा भी बढ़ता जा रहा है.
क्या है सड़क हादसों के पीछे वजह?
रिपोर्ट के अनुसार, तेज रफ्तार और गलत दिशा में गाड़ी चलाना दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह बन चुकी है इसके अलावा, हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करना भी मौतों की बड़ी वजह है. आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ हेलमेट न पहनने से 54 हजार 568 मोटरसाइकिल चालकों की मौत हुई. इतना ही नहीं, सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करने से भी हजारों लोग समय से पहले अपनी जान गंवा बैठे.
2030 तक सड़क हादसों को लेकर ये है लक्ष्य
भारत ने 2030 तक सड़क हादसों में होने वाली मौतों और चोटों को आधा करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए एक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा मिशन की शुरुआत करना बेहद जरूरी है. जब तक पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों और दोपहिया सवारों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती, तब तक हालात सुधरने मुश्किल होंगे.
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