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उत्तर प्रदेश सरकार ने पुरानी गाड़ियों के शौकीनों के लिए बड़ा तोहफा दिया है. अब अगर आपके पास 50 साल से ज्यादा पुरानी कार या बाइक है, तो उसे विंटेज कैटेगरी में रजिस्टर कराया जा सकता है. ये नियम इसलिए खास है क्योंकि कई लोग अपनी पुरानी गाड़ियों को संभालकर रखते हैं. अब रजिस्ट्रेशन के जरिए इन गाड़ियों को एक नई पहचान मिलेगी और उनका ऐतिहासिक महत्व भी सुरक्षित रहेगा.
- राज्य परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को लागू किया जाएगा. इसका मतलब है कि पुरानी गाड़ियां सिर्फ यादों का हिस्सा ही नहीं रहेंगी, बल्कि कानूनी तौर पर भी उन्हें “विंटेज” का दर्जा मिलेगा.
क्यों खास है विंटेज रजिस्ट्रेशन नियम?
- ट्रांसपोर्ट विभाग का कहना है कि इस फैसले से पुरानी गाड़ियों की वैल्यू बनी रहेगी. जो वाहन 50 साल पुराने होने के बाद भी अच्छी स्थिति में हैं, उन्हें अब क्लासिक और विंटेज घोषित किया जाएगा. दरअसल, ये पूरी प्रक्रिया सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल 1989 के तहत होगी. यूपी सरकार इस नियम को पास करके लागू करेगी. पहले लोग अपनी पुरानी कार या बाइक को रजिस्टर कराने में परेशानी झेलते थे, लेकिन अब विंटेज कैटेगरी से यह दिक्कत खत्म हो जाएगी.
विंटेज गाड़ियों की दो कैटेगरी
- केंद्र सरकार ने विंटेज गाड़ियों को दो कैटेगरी में बांटा है. पहली कैटेगरी में दोपहिया वाहन (L1/L2) जैसे मोटरसाइकिल, स्कूटर शामिल हैं. जबकि दूसरी कैटेगरी में चारपहिया वाहन (M1) जैसे कारें रहेंगी. इनमें वही वाहन शामिल होंगे, जो पहली बार 50 साल पहले रजिस्टर हुए थे और जिनमें इंजन, बॉडी या चेसिस में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है. ट्रैक्टर और अन्य भारी वाहन इसमें शामिल नहीं होंगे.
रोजाना इस्तेमाल पर रहेगा रोक
- ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बृजेश नारायण सिंह के मुताबिक, विंटेज रजिस्ट्रेशन का मतलब रोजाना इस्तेमाल नहीं है. इन गाड़ियों को बिजनेस या डेली यूज में नहीं लाया जा सकता. इसका असली मकसद पुरानी गाड़ियों को उसी रूप में बचाकर रखना है, जैसा वे पहले थीं. ये नियम सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार बनाए गए हैं. फिलहाल फीस और प्रक्रिया सेंट्रल गवर्नमेंट के नियमों के अनुसार होगी. नए निर्देश लागू होने के बाद यूपी सरकार अपना सिस्टम लागू करेगी.
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