लग्जरी EVs पर बढ़ेगा टैक्स? GST पैनल की सिफारिश से बढ़ी BMW, टेस्ला और मर्सिडीज की टेंशन

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भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अब लग्जरी ईवी खरीदने का सपना महंगा हो सकता है. दरअसल, GST काउंसिल को सुझाव देने वाले टैक्स पैनल ने प्रस्ताव रखा है कि 20 से 40 लाख रुपये की ईवी पर टैक्स 5% से बढ़ाकर 18% कर दिया जाए. वहीं 40 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर यह टैक्स सीधे 28% तक बढ़ सकता है. यहां तक कि सरकार 28% टैक्स स्लैब को खत्म कर 40% का नया स्लैब लाने की योजना भी बना रही है. अगर यह लागू हुआ, तो टेस्ला, बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज और BYD जैसी कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. आइए विस्तार से जानते हैं.

मोदी सरकार की ओर से टैक्स सुधार की तैयारी 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टैक्स सिस्टम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं. एक तरफ शैंपू और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे घरेलू सामान पर टैक्स घटाने की सिफारिश की जा रही है, ताकि भारतीय कंपनियों को बढ़ावा मिले. वहीं दूसरी ओर विदेशी लग्जरी ईवी कारों पर टैक्स बढ़ाने की चर्चा तेज है. इसका मकसद यह संकेत देना है कि महंगी गाड़ियां समाज के उच्च वर्ग के लिए हैं और इन पर ज्यादा टैक्स लगना चाहिए.

लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव

  • सरकारी दस्तावेज के मुताबिक, 46,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारों पर कंज्यूमर चार्ज बढ़ाने की योजना बनाई गई है. इसका सीधा असर टेस्ला, मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और बीवाईडी जैसी कंपनियों पर पड़ेगा. फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% GST लगता है, लेकिन पैनल ने 20 से 40 लाख रुपये वाली गाड़ियों पर टैक्स 18% करने और 46,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर 28% तक बढ़ाने की बात कही है.

मुश्किल में विदेशी ब्रांड 

टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी भारतीय कंपनियों की इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत ज्यादातर 20 लाख रुपये से कम है. ऐसे में उन पर ज्यादा असर नहीं होगा. लेकिन टेस्ला, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी कंपनियों के लिए हालात मुश्किल हो सकते हैं, क्योंकि उनकी गाड़ियां लग्जरी सेगमेंट में आती हैं. टेस्ला का मॉडल Y भारत में 65,000 डॉलर की शुरुआती कीमत पर लॉन्च हुआ है.

भारत में ईवी मार्केट का हाल

  • भारत का इलेक्ट्रिक कार बाजार अभी छोटा है और कुल कार बिक्री का सिर्फ 5% हिस्सा है, लेकिन इसकी ग्रोथ बहुत तेज है. अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच ईवी सेल्स 93% बढ़कर 15,500 यूनिट तक पहुंच गईं. टाटा मोटर्स 40% हिस्सेदारी के साथ बाजार में सबसे आगे है, जबकि महिंद्रा के पास 18% हिस्सा है. विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी अब भी बेहद कम है.

GST काउंसिल की बैठक में होगा बड़ा फैसला

  • बता दें कि GST काउंसिल की बैठक 3-4 सितंबर को होगी, जिसमें इस प्रस्ताव पर आखिरी फैसला लिया जाएगा. फिलहाल इस सिफारिश ने घरेलू और विदेशी दोनों कंपनियों में हलचल मचा दी है. जहां टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियों पर इसका असर सीमित रहेगा, वहीं टेस्ला, मर्सिडीज और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी ब्रांड्स को बड़ा झटका लग सकता है.

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